दोस्ती के नाम…

प्यास लगी हमे जो, बारिश रब्ब कर गये…
मेहेरबान होकर हमपर ऐसी रहमत फिर कर गये…

छाए काले बादल अकेलेपन के जो, रोशन नज़ारे कर गये…
अहबाब आपसे दे कर फिर राज़ी हमे कर गये…@};-

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