अदा-ऐ-हुस्न…

अदा-ऐ-हुस्न उनका क्या कहे…पैर ज़मीन पर पड़े तोह शोर इस सीने में होता है, अंदाज़ देखकर उनका गुरूर इस दिल में होता है…खुशफहमी कहे या आरज़ू…सोचते है, असर हमारा भी उनपर कुछ ऐसा ही होता है…@};-

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